जल को मन्त्रपूरित अभिमंत्रित करने की विधि

जल को मन्त्रपूरित अभिमंत्रित करने की विधि

मानव के अस्तित्व का मालिक आत्मा है, ड्राइवर मन है और गाड़ी तन है।

परन्तु मानव मन रूपी ड्राइवर  लगभग 90% लोगों के किसी न किसी कारण से उलझन, परेशानी, पीड़ा, मानसिक विकारों, मनोरोगों के कारण है। ऐसे में मन को ऊर्जावान, मनोबल बढ़ाने, मन की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने हेतु एक प्रयोग किया जाता है, जिसे कहते हैं नित्य सुबह शाम अभिमंत्रित जल पियें।

आधुनिक युग में वाटर मेमोरी के नाम से जाना जाता है। गूगल कीजिये और स्वयं निम्नलिखित यूट्यूब में देखिए कि कैसे भिन्न भिन्न विचार व मन्त्र पानी के भीतर के मॉलिक्यूल व उनकी आकृति को बदल देते हैं। पानी की यादाश्त होती है, पानी में मन्त्र घुलता है और असर उसका दिखता है।

मन्त्र को खाद्य या पेय पदार्थ में विचारों और दृष्टिपात द्वारा मिलाने की विधि को अध्यात्म की भाषा में अभिमंत्रित करना कहते हैं। खाद्य पदार्थ व पेय पदार्थ में मन्त्र संचरण द्वारा उसके कारण तत्व व सूक्ष्म ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है व अपेक्षित परिणाम पाया जा सकता है।

💧💧💧जल अभिमंत्रित विधि💧💧💧

लंबी गहरी श्वांस नाक से लें और धीरे धीरे मुंह से छोड़ें।

जल को अभिमंत्रित करने हेतु कोशिश करें यदि तांबे या कांच की ग्लास हो तो उत्तम है, अन्यथा स्टील की भी ग्लास ले सकते हैं। ग्लास पानी भर ले,   ग्लास को हाथ में उठा लें, आंखों से जल को देखते हुए मन ही मन पांच बार गायत्री मंत्र, तीन बार महामृत्युंजय मंत्र, एक बार शांति मंत्र जपें। भावना करें कि यह जल मेरे दिमाग को रिलैक्स करेगा, तनाव दूर करेगा, मनोरोग ठीक करेगा, प्राणवान-ऊर्जावान बनाएगा, सकारात्मक बनाएगा, बुद्धि बढ़ाएगा और मनोबल बढ़ाएगा।

जल देवता वरुण देवता को मन ही मन प्रणाम करके घूंट घूंट करके जल पी लें।

हमारे शरीर में यह अभिमंत्रित जल पहुंचकर रक्त के प्रत्येक कण में ऊर्जा का संचार करेगा और जैसी हमने भावना की थी वैसे ही मन को ऊर्जावान-प्राणवान बनाएगा। यह प्रयोग घर और ऑफिस कहीं भी कर सकते हैं। क्योंकि सब कुछ मन मे बोलना है तो किसी को पता नहीं चलने वाला कि आप ग्लास हाथ में लेकर क्या कर रहे हैं।

यह प्रयोग कम से कम छः महीने रोज सुबह और शाम करना है।

जल अभिमंत्रित करने वाले मन्त्र निम्नलिखित हैं:-

*गायत्रीमंत्र जप* (5 बार मानसिक रूप से)

ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात

*सर्व बाधा निवारण हेतु* (एक बार बार)-

सर्वा बाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन, भविष्यति न शंसयः॥

*शिव सरंक्षण प्राप्ति हेतु* (एक बार)

ॐ जूं स: माम् पालय पालय स: जूं ॐ

*सुखसौभाग्य जागरण हेतु* (एक बार)

ॐ जूं स: माम् भाग्योदयम् कुरु कुरु स: जूं ॐ

*रोगमुक्ति हेतु* (तीन बार)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति

OCD, Overthinking, Depression, Anxiety, पारिवारिक उलझन, दिल टूटने की समस्या, धोखा किसी से मिलने की समस्या etc के लिए पूर्व अपॉइंटमेंट व्हाट्सएप पर लेकर सुबह 11 से 1 के बीच सोमवार से शुक्रवार फोन कर सकते हैं। – Sweta Chakraborty, Spiritual Psychologist – 9810893335

उपचार युगऋषि परम् पूज्य गुरुदेव और माता गायत्री करते हैं, निमित्त केवल हम बनते हैं। भगवान कृष्ण ने अर्जुन से यह नहीं कहा था कि तुम माला जपो और हम तुम्हारे बदले युद्ध  तुम्हारा लड़ेंगे, उन्होंने कहा हे अर्जुन उठो! अपना युद्ध स्वयं लड़ो। 

ऐसे ही हम आपके जीवन का युद्ध नहीं लड़ेंगे और न ही कोई दूरस्थ हीलिंग रेकी आपके लिए करेंगे। हम गुरुदेव की लिखी आध्यात्मिक मनोवैज्ञानिक पुस्तको से पढ़कर मंथन करके आपको आपकी समस्या का समाधान गुरु का निमित्त बनकर आपको बताएंगे। आपको अपनी हीलिंग रेकी खुद करनी है, अपना युद्ध स्वयं लड़ना होगा। बताई गई विधि से स्वयं को ठीक करने की जिम्मेदारी स्वयं उठानी होगी। हम निःशुल्क काउंसलिंग करते हैं, युगतीर्थ शान्तिकुञ्ज और गायत्री तपोभूमि मथुरा या अन्य सेवा कार्य में आप जल्दी ठीक होने हेतु पुण्य अर्जन हेतु स्वेच्छा से दान कर सकते हैं।

हमारी जन सेवा-मानवसेवा का कोई शुल्क नहीं हैं

श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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