सेवा-करूणा के साथ, जहां बहे ज्ञान की अविरल धारा, ऐसा गायत्री परिवार हमारा

ऐसा गायत्री परिवार हमारा

सेवा-करूणा के साथ,
जहां बहे ज्ञान की अविरल धारा
ऐसा गायत्री परिवार हमारा
ऐसा गायत्री परिवार हमारा

स्वसुधार-स्वबदलाव का,
जहां युगऋषि ने,
दिया है नारा,
ऐसा गायत्री परिवार हमारा-2

जन्मगत ऊंच नीच का,
जहां भेद नहीं है,
सत्कर्मो से ब्राह्मण बनने का,
सन्देश यहीं है,
कर्मफ़ल पर आधरित,
जहाँ बनाया आधार सारा,
ऐसा गायत्री परिवार हमारा-2

मैं क्या हूँ और शरीर क्या है?
इसका मेरा नाता क्या है?
आत्मतत्व का भेद जहां पर,
युगऋषि ने समझा दिया सारा,
ऐसा गायत्री परिवार हमारा-2

वेद ज्ञान के साथ जहां पर,
सम्वेदना पढ़ाई जाती,
आत्मीयता विस्तार के साथ जहां पर,
दैवीय चेतना जगाई जाती,
उपासना-साधना-आराधना के साथ,
जहां सिखाया जाता भाई चारा,
ऐसा गायत्री परिवार हमारा
ऐसा गायत्री परिवार हमारा

श्वेता चक्रवर्ती
डीवाईन इंडिया यूथ एसोसिएशन

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