कविता – असफलता के कुछ कारण समझें, सफल बनने हेतु ज़रा सम्हले।

असफ़ल वो नहीं,
जो ग़लत निर्णय लेता है,
वस्तुतः असफ़ल वह है,
जो कोई निर्णय ही नहीं लेता है।

जो स्वयं को बदलने को,
तैयार नहीं हो रहा है,
वो वास्तव में पिछड़ने को,
तैयार हो रहा है।

जो कुछ नया,
रोज़ नहीं सीखता,
सम्बन्धित ज्ञान,
अर्जित नहीं करता,
वो वस्तुतः अपने कार्यक्षेत्र में,
असफ़ल होने की तैयारी कर रहा है,
जंग लगे हथियार से,
लड़ने की तैयारी कर रहा है।

बारिश भी उसी की मदद कर सकती है,
जिसका खेत तैयार हो,
और बीज बो दिया गया हो।
भगवान भी उसी की मदद कर सकता है,
जिसकी मनोभूमि तैयार हो,
औऱ प्रयत्न का बीज बो दिया गया हो।

तुम्हारी तरक्की,
सिर्फ तुम ही सुनिश्चित कर सकते हो,
तुम्हारी तरक्क़ी,
सिर्फ़ तुम ही रोक सकते हो,
रोड़ा तो सबकी राह में होता है,
असफ़ल रुक जाता है,
सफल व्यक्ति रोड़े से लड़ते हुए,
लक्ष्य तक पहुंच जाता है।

स्वयं को सफल बनाने के लिए,
जो इंसान कमर कस लेता है,
किसी भी हद तक जाने के लिए,
संकल्पित हो जाता है।

लक्ष्य पर,
जो पूर्ण केंद्रित हो जाता है,
उसे पाने को,
तन मन धन से जुट जाता है,
समय की गति को,
जो समझ पाता है,
चुने निर्णय को जो,
सही साबित कर पाता है,
दूरदर्शी, जुनूनी और दुस्साहसी,
बन जाता है,
सफ़लता का असली स्वाद,
वास्तव में वही चख पाता है।

🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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