प्रश्न – दी, मेरे पति और मेरे बच्चे सभी इंग्लिश मीडियम से पढ़ें हैं, मेरे हसबैंड की प्रारंभिक शिक्षा ही विदेशों में हुई है। घर में भी इंग्लिश बोलते है

प्रश्न – *दी, मेरे पति और मेरे बच्चे    सभी इंग्लिश मीडियम से पढ़ें हैं, मेरे हसबैंड की प्रारंभिक शिक्षा ही विदेशों में हुई है। घर में भी इंग्लिश बोलते है और मुझे कुछ समझ नहीं आता। जब कोई शब्द मैं बोलती हूँ तो मज़ाक बन जाता है। मैं दसवीं पास हूँ, जल्दी विवाह हो गया था, मेरे पिता और इनके पिता की गहरी दोस्ती थी। मेरी उम्र 45 वर्ष है, यह बताओ क्या इस उम्र में क्या इंग्लिश मैं पढ़ सकती हूँ?*

उत्तर – आत्मीय दीदी, उम्र के किसी भी पड़ाव में कभी भी कुछ भी सीखा जा सकता है। केवल दृढ़ संकल्प और जुनून होना चाहिए।

अंग्रेजी महज़ एक भाषा है, विदेशों के भिखारी हमारे यहां के कॉन्वेंट स्कूल के बच्चो से अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं। अर्थात अंग्रेजी किसी को अमीर नहीं बनाती। अतः इसे अपने दिमाग में महानता के शिखर से नीचे उतार कर ज़मीन पर लाओ।

अब इसे भारत की अन्य भाषाओं की तरह महज़ एक भाषा मानो, इससे ज्यादा कुछ नहीं।

अब थोड़ा विचारो कि तुमने हिंदी कैसे सीखी? या बंगाली या कन्नड़ घर में पैदा बच्चा बंगाली और कन्नड़ कैसे सीखता है? या अंग्रेज का बच्चा बचपन से अंग्रेजी कैसे सीखता है?

1- गर्भ से लेकर जन्म तक वो जो भाषा सुनता है उसे धीरे धीरे समझने लगता है।

2- फिर तोतली और अशुद्ध भाषा बोलता है, धीरे धीरे सही बोलने लगता है।

3- फिर उस भाषा पर अधिकार प्राप्त करने के लिये वो उसे लिखता है, उसकी वर्णमाला(लेटर) और व्याकरण(ग्रामर) समझता है।

4- कहानियाँ, लेख, न्यूज पेपर इत्यादि पढ़ता और सुनता है।

5- अपने भावों को अपनी भाषा मे व्यक्त और दूसरे के भावों को अपनी भाषा मे समझ लेता है। इसी को communication skill कहते हैं।

युगऋषि परमपूज्य गुरूदेव ने इंग्लिश इत्यादि अनेक भाषा जेल में तसले और कोयले की मदद से सीख ली थी। लगन हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं है।

आपको अपने आसपास जिस भाषा को सीखना चाहती हैं उस भाषा का वातावरण अपने आसपास उपलब्ध करना पड़ेगा। इंटरनेट और यूट्यूब आपकी इसमें मदद करेगा।

शुरुआत में बच्चो की इंग्लिश कार्टून देखिए, समझ मे आये या न आये रोज देखिए

फ़िर यूट्यूब पर अनेकों इंग्लिश सिखाने वाले कोचिंग वीडियो हैं उन्हें देखना शुरू कीजिए और नोट्स बनाइये

https://youtu.be/nWE-qmDmy20

कुछ इंग्लिश अच्छे साहित्य ले आइये और रोज पढ़िये। रोज उन्हें लिखिए भी। बिना इस बात की परवाह किये कि कब इंग्लिश आएगी।

धीरे धीरे इंग्लिश की क्लासिकल फ़िल्म और न्यूज़ देखना यूट्यूब पर शुरू कीजिए। इंग्लिश अच्छी कविता याद कीजिये और दोहराइये।

बार बार दिमाग़ में इंग्लिश का वातावरण देंगी तो दिमाग इंग्लिश समझने लगेगा। टूटी फूटी बोलिये मज़ाक उड़े तो उड़ने दीजिये बोलिये। हिंदी भी पहले अशुद्ध ही बोली थी।

एक डायरी बनाइये उसमें रोज कितने नए शब्द सीखे उसे नोट करते चलिए। अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट पर कड़े नजर रखिये।

जब आपकी डायरी में दस हज़ार नए इंग्लिश के शब्द हो और करीब 5 हज़ार नित्य बोले जाने वाले वाक्य लिख लिए जाएंगे और उन्हें कण्ठस्थ कर लेंगी तो आपको एक नए आत्मविश्वास की अनुभूति होगी।

इंग्लिश उच्चारण सीखने के लिए यूट्यूब की मदद लीजिये और गूगल की, साइट पर स्पीकर जैसे चिन्ह पर क्लिक करेंगी तो वो बोलकर भी बताता है। सुनिये और दोहराइये।

जब आपके बच्चे और पति बातें करें तो उनके दो चार शब्द नोट कर लीजिए। गूगल में उनका हिंदी अर्थ सर्च कीजिये। बूंद बूंद से घड़ा भर जाएगा। धीरे धीरे आप नोटिस करेंगी कि आपको इंग्लिश समझ आने लगी है। फिर सहज ही आप उसे कुशलता से बोलने भी लगेंगी।

कुछ पुस्तकें जो आपके मनोबल को पढ़ाएंगी और इसमें सहायता करेंगी:-

1- अधिकतम कैसे पाएं?
2- बुद्धि बढ़ाने की विधि
3- आगे बढ़ने की तैयारी
4- सङ्कल्प शक्ति की प्रचंड प्रक्रिया
5- दृष्टिकोण ठीक रखें
6- सफलता आत्मविश्वासी को मिलती है
7- मनःस्थिति बदले तो परिस्थिति बदले

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।

जो चलते रहते हैं वो मंजिल तक जरूर पहुंचते हैं।

इंग्लिश भाषा जरूर सीखिए लेकिन उसे अपने सर पर मत चढ़ने देना। अँग्रेजियत मत अपनाना, हिंदुस्तानी होने का गर्व हृदय में रखते हुए इस भाषा पर अधिकार प्राप्त कीजिये। इंग्लिश ही क्यों जर्मन, फ्रेंच इत्यादि अनेक भाषा सीखिए। इतना अधिकार प्राप्त कीजिये, कि गुरूदेव के साहित्य का विदेशी भाषाओं में अनुवाद कीजिये। विदेशों में गुरु सन्देश उन्हीं की भाषा मे दीजिये।

खुदी को कर बुलंद इतना, कि खुद खुदा आकर पूँछे ए बन्दे तेरी रज़ा क्या है।

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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