प्रश्न – कुत्ते, बिल्ली, चूहे, सर्प या अन्य जहरीले जीव के काटने पर उपचार का सर्वोत्तम तरीका कौन सा है? एलोपैथी, आयुर्वेद या होमियोपैथी?

प्रश्न – कुत्ते, बिल्ली, चूहे, सर्प या अन्य जहरीले जीव के काटने पर उपचार का सर्वोत्तम तरीका कौन सा है? एलोपैथी, आयुर्वेद या होमियोपैथी?

उत्तर – ज़हरीला जीव वो चाहे कोई भी हो जैसे ही काटेगा तो वो सीधा रक्त में प्रवेश करेगा, बड़ी तेजी से वो हृदय तक पहुंच के समस्त शरीर मे पहुंच कर स्नायुतन्त्र को पैरालाइज करेगा और दिमाग़ में पहुँचकर मति भ्रम (फ़ोबिया) विभिन्न प्रकार के उतपन्न करेगा। दिमाग़ के डिस्टर्ब होते है, शरीर पर से कंट्रोल खत्म होने लगता है।

जहर को जहर की काटता है ठीक वैसे ही  जैसे लोहा ही लोहे को काटता है।

👉🏼 बिना देरी किया जहां जहरीले जीव ने काटा है ठीक उसके ऊपर जोर से कोई कपड़े या रस्सी से बांध दें, जिससे रक्त ऊपर की ओर न बढ़े और तुरन्त नज़दीकी *एलोपैथी के डॉक्टर* के पास जाएं। चिकित्सक की सलाह से उपचार करवाये। कुत्ते के काटने पहले 5 इंजेक्शन लगते थे अब केवल तीन 3 डोज़ के इंजेक्शन से काम हो जाता है। विभिन्न कम्पनियां इसे बनाती है, सबसे सस्ता Rabipur का 350 रुपये का एक इंजेक्शन होता है और करीब 2000 रुपये में ट्रीटमेंट हो जाता है महंगा करीब 5000 के आसपास आता है।

👉🏼 *आयुर्वेद की दवाएं पाचनतंत्र में पचती है*, तब पहले रस👉🏼 फिर रक्त बनता है और हृदय तक पहुंचता है। यह प्रक्रिया वक्त लेती है। अतः जहरीले जीव के काटने पर कम उपयोगी है।

👉🏼 होमियोपैथी जहरीले जीव के काटने के इलाज में सबसे तेजी से काम करता है। सबसे सस्ता उपचार भी है।  Hydrophobinum (200) नामक औषधि 125 रुपये में आती है,  इसका रेफरेन्स जर्मन होमियोपैथी के डॉक्टर रिक्वेज( Dr Reckeweg ) की साइट पर भी है।

यह औषधि बावले/पागल कुत्ते की राल से शक्तिकृत/शोधित की गई है। लुइस पैस्टियर ( Louis Pastuer जिनके नाम से कसौली आदि स्थान में बावले कुत्तों के काटे हुए मनुष्यों की चिकित्सा होती है ) द्वारा इस विष की परीक्षा होने के 50 वर्ष पूर्व, 1833 साल में होमियोपैथिक चिकित्सक डॉक्टर हेरिंग ने इसके गुण की परीक्षा करके चिकित्सा जगत में इसका प्रचार किया था। इस औषधि का प्रभाव बहुत ही गम्भीर, दीर्घकाल, स्थाई और निश्चित है।

यह औषधि की ड्रॉप्स जिह्वा पर लेते ही बड़ी स्पीड से स्नायुतन्त्र को प्रभावित करती है, और जहर के प्रभाव को खत्म करने के साथ साथ उसके कारण उपजे अन्य बीमारियों को भी ठीक करती है:-

यह औषधि बावले कुत्ते की राल से शक्तिकृत की गई है। लुइस पैस्टियर ( Louis Pastuer जिनके नाम से कसौली आदि स्थान में बावले कुत्तों के काटे हुए मनुष्यों की चिकित्सा होती है ) द्वारा इस विष की परीक्षा होने के 50 वर्ष पूर्व, 1833 साल में होमियोपैथिक चिकित्सक डॉक्टर हेरिंग ने इसके गुण की परीक्षा करके चिकित्सा जगत में इसका प्रचार किया था। इस औषधि का प्रभाव बहुत ही गम्भीर, दीर्घकाल, स्थाई और निश्चित है।

हाइड्रोफोबीनम  द्वारा निम्न मुख्य लक्षण का उपचार होता है*:-

💉पानी उबलने या बहने का शब्द सुनने या बहता हुआ पानी देखने से सारी तकलीफों का बढ़ जाना इसका सर्व प्रधान लक्षण है।
💉पानी देखकर डर जाने पर बावले कुत्ते के काटे से पागल हो जाने के डर पर, इस औषधि का प्रयोग करने से विशेष लाभ होता है।
💉सिर दर्द – कुत्ते के काटने से चाहे कुत्ता पगला हो या न हो, बहते हुए पानी की आवाज या चमकीली रौशनी से सिर-दर्द की वृद्धि होती है।
💉बहता हुआ पानी देखने पर बार-बार पेशाब करने की प्रबल इच्छा इसका एक अदभुद लक्षण है। पेशाब थोड़ा और धुंधले रंग का होता है, पेशाब में शक़्कर रहती है।
💉सूरज की गर्मी सहन नहीं होता।
💉ऐंठन – पानी या आइना पर चकाचोंध या अक्स पड़ी हुई रौशनी से, पानी के समान किसी पतले पदार्थ के बारे में सोचने से, जरा भी छू जाने या हवा की झोंक से ऐंठन होने पर, लाइसीन से फायदा होगा।
💉पानी या पतले पदार्थ के निगलने में तकलीफ। बार-बार निगलने की इच्छा रहती है और हलक में दर्द होता है।
💉मन उत्तेजक और दुःखदाई खबर से हमेशा सब तकलीफें बढ़ जाती है।
💉घाव के रंग में कुछ नीलापन।
💉यौन रोगों की विक्षप्तता का उपचार।
💉 पागल कुत्ता, सर्प, बिल्ली, चूहा इत्यादि ज़हरीले जीवो के काटने का उपचार

Reference Site – [12/21, 4:25 PM] Sweta – awgpggn.blogspot: https://www.myupchar.com/medicine/hydrophobinum-dr-reckeweg-p37125116#use_dose

 http://www.jkhealthworld.com/hindi/हाइड्रोफोबीनम
 https://www.google.co.in/amp/s/www.homeopathicmedicine.info/lyssin-hydrophobinum/amp/

यूट्यूब लिंक – राजीव दीक्षित ने भी होमियोपैथी की इस दवा से कुत्ते बिल्ली चूहे सर्प के काटने से जहर मुक्ति बताया है।-
https://youtu.be/ox49i-K9iHU

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *