प्रश्न – मेरे पति अपने परिवार खानदान में सबसे ज्यादा पढेलिखे और उच्च कमाई करने वाले हैं। इस बात का उन्हें अत्यधिक घमंड है। मेरे विवाह को 17 वर्ष हो गए, मैं होम मेकर हूँ। ऐसा एक दिन भी नहीं होता जिस दिन वो अपने IITian होने का गुणगान न करें और मुझे मेरे मात्र BA होने के लिए ज़लील करने में कोई कसर छोड़े।

प्रश्न – *मेरे पति अपने परिवार खानदान में सबसे ज्यादा पढेलिखे और उच्च कमाई करने वाले हैं। इस बात का उन्हें अत्यधिक घमंड है। मेरे विवाह को 17 वर्ष हो गए, मैं होम मेकर हूँ। ऐसा एक दिन भी नहीं होता जिस दिन वो अपने IITian होने का गुणगान न करें और मुझे मेरे मात्र BA होने के लिए ज़लील करने में कोई कसर छोड़े। घर पर जिस दिन वो होते हैं मुझे चैन से बैठने तक नहीं देते, एक ग्लास पानी भी स्वयं उठ कर नहीं पीते, नौकरानी को कम से कम सैलरी तो मिलती है मुझे तो पिछले 17 वर्ष से केवल गालियां मिल रही है। सुख नाम की कोई चीज़ होती है मुझे पता नहीं, बच्चो को जब कुछ बोलो या समझाओ तो खुद बीच मे आकर मुझे पुनः जलील कड़वे वचनों से करके चुप करवा देते हैं। जब सुबह मैं पूजा के लिए नहा लूंगी तब ही उन्हे XXX के लिए परेशान करना होता है। मैं एक बार सुसाइड अटेम्प कर चुकी हूँ, लेकिन दुर्भाग्यवश बच गयी।यज्ञ और जप दोनों में विघ्न उतपन्न करते हैं। मुझे इस नर्क में जीने का हौसला दे दीजिए या जल्दी मृत्यु आ जाये ऐसी कोई साधना बता दीजिए।*

उत्तर – *आत्मीय बहन, मृत्यु अगर समस्त समस्या का समाधान होता तो सारी दुनियाँ मृत्यु का वरण कर लेती। मृत्यु के बाद केवल शरीर मरता है, प्रेतावस्था में तबतक रहना पड़ता है जबतक उम्र पूरी न हो इस जन्म की, मन नही मरता तो मन मे दुःख का कारण अत्यंत पीड़ा देता ही रहता है। अतः मृत्यु की इच्छा त्याग दो।*

पति अहंकारी के साथ कुसंस्कारी भी है, इसके लिए आपके सास-ससुर जिम्मेदार है उन्होंने एक भावसम्वेदना शून्य पढ़ा लिखा रोबोट बनाया दिया है आपके पति को, स्त्री का सम्मान करना नहीं सिखाया। उसके अहंकार को बढ़ावा दिया।

*कभी सोचा है 🤔 सर्प, कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस, हिंसक जानवर के साथ कुशल किसान कैसे रह लेता है? अग्नि जैसी ज्वलंत वस्तु और चाकू जैसी धारदार वस्तु को कुशल गृहणी रोज उपयोग में लेकर भोजन पकाती है। सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।*

हिंसक, अहंकारी और कड़वे बोल के कुसंस्कारी पति आपकी सासु मां और ससुर जी के बनाये हुए है। एक दिन में सुधार का कोई फार्मूला मेरे पास नहीं है। लेकिन *यदि धैर्यपूर्वक उन्हें पुनः भावसम्वेदना युक्त इंसान और अच्छा इंसान बनाना है, घर को नर्क से स्वर्ग बनाना है तो सवा साल का वक्त लगेगा। इसके लिए निम्नलिखित साधना अपनाएं:-*

1- जिस दिन आपके पति घर पर होंगे वो बैठकर पूजन स्थल पर वो आपको जप करने नहीं देते तो आप उस दिन केवल मौन मानसिक गायत्री जप करें। सोते वक्त पूर्णिमा के चाँद का ध्यान करें। जब वो घर से बाहर हों तब पूजन स्थल पर ऊनी वस्त्र पर बैठकर *10 माला गायत्री मंत्र की 1 माला गुरुदेब मंन्त्र और 1 माला चन्द्र गायत्री मंत्र की जप साधना पूर्णिमा के चाँद का ध्यान करके करें।*

2- *मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति को कुशल नर्स जिस तरह पागलखाने में  हैंडल करती हैं*, उसकी बात को सही ठहराती है। उसी तरह *आप भी पति के गुणगान की निम्नलिखित चालीसा रट लें और सुबह शाम सुना कर उनके अहंकार की तुष्टि करें:-*

मैं कितनी सौभाग्यशाली हूँ कि मुझे पूरे खानदान का सबसे पढ़ा लिखा- IITian पति मिला है, यदि आप मुझे न मिलते तो मैं कुँवारी मरती। भूखों मरती। भगवान का लाख लाख शुक्र है, पिछले जन्म के पुण्यफ़ल स्वरूप  मेरा सौभाग्य जग गया और आप मिल गए। लेकिन आपने पिछले जन्म में जरूर कुछ पाप किये होंगे इसलिए मुझ जैसी अनपढ़, गंवार,  अयोग्य पत्नी आपको मिल गयी। कम से कम इस जन्म में कुछ पूण्य कर लीजिए जिससे अगले जन्म में आपको पत्नी के रूप में ऐश्वर्या राय सी खूबसूरत सर्वगुणसम्पन्न IITian लड़की मिले। इत्यादि इत्यादि😂😂😂😂 अच्छे एक्टर की तरह चेहरे के भाव भंगिमा बना के रोज यह नाटकीय अभिनय और संवाद आपको करना है। वो जलील करने के लिए आपको मुंह खोलें इससे पहले ख़ुद को जलील करना शुरू कर दें।

सुबह जब नहाने जाएं तो दो सेट कपड़े लेकर जायें, जब नहाके निकलें यदि परेशान आपको करने हेतु, पति की मानसिक पॉटी आये। तो उन्हें करने दें, पुनः नहा के बिना कोई प्रतिक्रिया दिए पुनः पूजा करने चली जाएं।

सैडिस्ट/कुसंस्कारी पति जानबूझकर पत्नी को परेशान करते है, अब यदि उनकी हरकतों से आप परेशान होना बंद कर दें तो वो परेशान हो जाते हैं। यदि वो गाली दें और आप प्रतिक्रिया न दें तो वो परेशान होते है।

*हमको कोई जब गाली में मान लो जब गधा बोलता है तब हम गधे नहीं बनते। हम गधे तब बनते है जब उस गाली को स्वीकार करके प्रतिक्रिया स्वरूप लड़ते हैं।*

3- *एक महान विद्वान ने कहा है कि मुझे कोई कभी हरा नहीं सकता, मेरे साथ किसी की लड़ाई 1 मिनट से ज्यादा नहीं चल सकती। क्योंकि ज्यों ही कोई मुझसे लड़ने आएगा मैं स्वयं हार स्वीकार कर लूँगा। हारे हुए को भला कौन हराएगा? मेरी खुशियों और आनन्द को कोई कैद नहीं कर सकता क्योंकि मेरे मन तक मैं किसी को पहुंचने ही नहीं देता। मेरे मन के विचारों पर केवल मेरा अधिकार है। मैं इसलिए आनन्दित रहता हूँ।*

*मूर्ख और अहंकारी से विवाद का कोई फ़ायदा नहीं, इन्हें इग्नोर करने में भलाई है। अतः वो हरायें कड़वे वचन बोलकर उससे पहले ही हार स्वीकार लो।*

पति को अपने मन मे एंट्री मत दो,  *मन मे एंट्री देने के दो द्वार होते हैं- 1 प्रेम द्वार और 2 घृणा द्वार।* घृणा द्वार बंद कर दो। उनसे घृणा करना छोड़ दो। उनके प्रति उदासीन हो जाओ। जैसे घर मे तमाम वस्तु होती है लेकिन वो हमारे मन मे प्रवेश तभी करती है जब उनके प्रति हम लगाव/प्रेम रखे या उन वस्तुओं से घृणा करें। घृणा द्वार बंद करने का एक मात्र उपाय है अपने पति को उनके कुकर्मो और दुष्ट व्यवहार के लिए क्षमा कर दें। *क्षमा करते ही आपका मन मे स्वर्ग निर्मित हो जाएगा।*

4- भगवान के समक्ष ध्यान में बैठिए, गुरुदेब माताजी या जो कोई भी आपके ईष्ट हों उनका गहरे नीले आकाश और हिमालय के दिव्य क्षेत्र में ध्यान कीजिये। और ध्यान में अपने पति की आत्मा का आह्वाहन कीजिये।

हे गुरुदेब-माताजी मुझे पता है पिछले जन्म में मैने इस आत्मा का जरूर कुछ बुरा किया था जिस प्रारब्ध के कारण मेरा यह शत्रु मुझे पति के रूप में मिला और पिछले 17 वर्ष से घोर नरक की यातना दे रहा है। इस आत्मा से मैं अपने पूर्व जन्मों के गुनाहों की क्षमा मांगती हूँ। मेरी और इसकी शत्रुता समाप्त कर दीजिए। हे गुरुदेव, हे माताजी मुझे अपनी शरण मे ले लीजिए। आज के बाद से *मैं इसे मित्रवत देखूं और यह मुझे मित्रवत देखे*। मेरे हृदय में बसी इसके प्रति घृणा निकाल दो, और इसके हृदय में बसी मेरे प्रति घृणा निकाल दो। मित्रता प्रदान करो।

5- *भोजन बनाते वक्त भाव कीजिये कि आप भगवान के लिए भोजन रूपी प्रसाद पका रही हैं*।
फिर बलिवैश्व यज्ञ कीजिये और बड़े प्यार से भोजन परसिये। जब पति पुनः किसी बात के कड़वे वचन बोलना शुरू करें आप भीतर से कर्ण बन्द करके ध्यान को पूर्णिमा के चाँद पर स्थिर कर दें। चन्द्र गायत्री मंत्र पढ़े।

6- जब भी वक्त मिले स्वाध्याय करें। पढ़ा हुआ चिंतन करो और फिर उसे डायरी में नोट करो।।

7- मानसिक सन्यास घर गृहस्थी पति सबसे ले लें, और भक्ति भाव मे भजन गुनगुनाते रहें। रोज रात को मौत और रोज सुबह नया जन्म। 17 वर्ष की यातना भूल जाएं। भाव करें कि अब आप शरीर भाव से ऊपर उठ चुके हो। आपके मन और आपकी आत्मा तक अब किसी की पहुंच नहीं है। अब आपको आनन्दित रहने से कोई नहीं रोक सकता।

शरीर घर में रहने दो, और मन से अब विश्व यात्रा पर निकल पड़ो। सुंदर सुंदर जगहों की कल्पना करो और उन जगहों पर अपने इष्ट का ध्यान करो। मन ही मन कल्पना जगत में दिव्य तीर्थ स्थलों का तीर्थाटन करें।

सवा वर्ष में सबकुछ बदल जायेगा, गुरुमय आनन्दमय सृष्टि की रचना आपके आसपास हो जाएगी।

गायत्री मंन्त्र – *ॐ भूर्भुवः स्व: तत सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात।*

चन्द्र गायत्री मंत्र – *ॐ क्षीर पुत्रायै विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि। तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात।*

गुरुदेब मंन्त्र – *ॐ ऐं श्रीराम आनन्दनाथय गुरुवे नमः ॐ*

प्रत्येक गुरुवार व्रत रखना है, चना गुड़ गौशाला में दान दे देना। नजदीकी गायत्री शक्तिपीठ में एक घण्टे सप्ताह में जरूर जाना जब भी वक्त मिले।

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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