आज का मानसिक आहार-मन के भीतर क्या चल रहा विचार-यह जान

आज का मानसिक आहार

प्रत्येक घण्टे निज मन मे झांके कि आख़िर क्या चल रहा है? कौन से विचार चल रहे हैं? फ़िर जिन विचारों से स्वयं का कल्याण हो या किसी का भी कल्याण हो उन्हें चलने दें। जिन विचारों की आवश्यकता नहीं उन्हें स्वयं का नाम लेकर बोलो कि यह विचार तुम्हारे काम का नहीं इसका प्रवाह रोको, इस हेतु उन विचारों पर ध्यान केंद्रित करो जो तुम्हारे लिए जरूरी है।

सुबह से लेकर शाम तक प्रत्येक क्षण होश में रहो, चैतन्य जागरूक रहो। जल पी रहे हो तो पूरी तन्मयता से जल ग्रहण करो, पूजा कर रहे हो तो पूरी तन्मयता से होशपूर्वक पूजन करो। आज तन और मन एक जगह रखने की साधना करो। जहां जिस काम में तन(शरीर) लग रहा है, उसी में मन(तत्सम्बन्धी विचार) होने चाहिए।

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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