जय माँ गायत्री – गायत्री जयंती

पल पल मेरा साथ, मां तुम देती हो,
अपने आँचल की छाया में, सदा रखती हो..
पल पल….

मां मेरे सर पर तेरा यूँ, आँचल लहराए,
मेरा मन मन्दिर तेरा ही, आभास कराये,
मेरी श्वांस श्वांस भी मां, तेरा नाम जपती है,
मेरे रोम रोम में मां, बस तू ही तू बसती है,
मेरे दिल की धड़कन भी, तेरा भजन गाती है,
मेरे लाल रक्त में मां, तेरी भक्ति ही बहती है,
पल पल मेरे पास, तुम रहती हो..

तुम सविता शक्ति हो,
तुम ही गायत्री शक्ति हो,
धरती आकाश पाताल में मां,
तुम ही विचरण करती हो,
तेरी सविता शक्ति को,
मन बुद्धि वरण करता है,
तेरी भर्ग शक्ति को,
हृदय में धारण करता है,
तेरी उंगली पकड़कर ही मां,
मेरा कदम सन्मार्ग की ओर बढ़ता है,
तेरे सहारे ही मां,
यह जीवन चलता है।
पल पल मेरे साथ, तुम रहती हो…

असत्य से हमें बचाती हो,
सत्य का ज्ञान कराती हो,
मृत्यु भय से मुक्त कर के माँ,
आत्मा का अमरत्व समझाती हो,
अंधेरे जीवन में,
प्रकाश प्रकाश भर देती हो,
भवसागर में भी माँ,
तुम ही नैया खेती हो,
पल पल मेरे पास,
मां गायत्री तुम रहती हो…

वेदों का समस्त ज्ञान,
सब गायत्री मंत्र जप से देती हो,
गायत्री साधक की चेतना को,
मां तुम आलोकित करती हो,
गायत्री रूप में मां तुम,
कलियुग की कामधेनु बनती हो,
ब्रह्म में रमने वाले भक्तों का,
सर्वविधि कल्याण करती हो,
कमण्डल और वेद के साथ मां,
बुद्धि हंस पर सदा सवार रहती हो,
पल पल मेरे साथ, मां तुम रहती हो…

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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