प्रश्न – दी, हम लोग यज्ञ करवाते हैं। इसकी जानकारी आस-पड़ोस में सबको हो गयी है। अतः सब घर में सुख-शांति के लिए और अन्य अवसरों पर हमसे यज्ञ तो करवाते हैं। लेकिन नियमित गायत्री साधना और युगसाहित्य का स्वाध्याय नहीं करते। किसी समस्या पर कोई शॉर्टकट समाधान चाहते हैं। आत्मकल्याण के लिए कुछ नहीं करते और न हीं लोकहित कुछ करना चाहते हैं। घण्टों टीवी देखने और अन्य पर्सनल कार्यो में खर्च करते है। इन्हें प्रेरित करने का और सही राह पर लाने का कोई उपाय है तो बताइए।
उत्तर - आत्मीय भाई, आपकी चिंता जायज है। आप एक आध्यात्मिक चिकित्सक की तरह रोग समझ रहे हो और समाधान...