सत्य बोलो लेकिन प्रिय सत्य बोलो

प्रिय सत्य बोलो,

जिस प्रकार मटके पर कुम्हार सत्य की चोट डालता साथ ही हाथ से भीतर सम्वेदना से सम्हालता है। स्वयं का और दूसरे का व्यक्तित्व और मन निखर जाएगा।

बिन सम्वेदना और अच्छी भावना के  सत्य बोला तो वो सत्य का प्रहार   मटका तोड़ देगा। स्वयं और दूसरे के व्यक्तित्व और मन दोनों तोड़ देगा, बिखर जाएगा।

सत्य बोलते वक्त एक चिकित्सक की तरह सावधानी बरतें। ऑपरेशन के बाद घाव खुला न छोड़ें । सम्वेदना से घाव में टाके जरूर लगाएं। प्रेम और स्नेह से निरन्तर ट्रीटमेंट करते चले।

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिएशन

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