शरद पूर्णिमा- 23 अक्टूबर 2018

चन्द्र किरणों से अमृत झरता है, विभिन्न औषधियां चन्द्रमा की रौशनी से ही बल प्राप्त करती हैं।

शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की रौशनी में स्वयं को नहलाएं, चावल की खीर बना के ठण्डी कर लें और उसे इस तरह रखें क़ि चन्द्रमा की रौशनि उस पर पड़े। घर में चांदी या स्टील के बर्तन में ही खीर रखें। स्टील के बर्तन में खीर रखकर उसमे चांदी की चम्मच या चांदी की साफ़ धुली अंगूठी भी डाल कर रख सकते हैं।

जिनके पास छोटा चांदी का बर्तन हो वो उस बर्तन में कच्चा गाय का दूध भरकर उसका अर्घ्य/चढ़ा दें। सौभाग्य की वृद्धि होती है।

हो सके तो मध्य रात्रि 11:30 से 12:30 तक चन्द्रमा को खुली आँखों से देखते हुए चन्द्रमा में अपने ईष्ट आराध्य का ध्यान करें। आपको चश्मा भी लगता हो तो भी खुली आँखों से ही चन्द्रमा देखें और अपने नेत्र की नसों के माध्यम से चन्द्र की रौशनि को आँखों  और मष्तिष्क तक पहुंचने दें।

दस माला गायत्री का जप और एक माला चन्द्र गायत्री का मन्त्र चन्द्रमा में अपने ईष्ट आराध्य की कल्पना करते हुए जपें। और चन्द्रमा में ईष्ट आराध्य का ध्यान करते हुए उनके ध्यान में खो जाएँ।

*उदाहरण- हम युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव का ध्यान चन्द्रमा में शरद पूर्णिमा के दिन करते हैं। लगातार चन्द्र को देखते रहते हैं, लगभग 15 से 20 मिनट के अंदर ही गुरुदेव का चेहरा हमारा मष्तिष्क कल्पनाओ के और ध्यान के तीव्र स्पंदन में दिखाने लगता है। चन्द्रमा में ही कल्पना शक्ति और ध्यान की एकाग्रता में ब्लैक एन्ड व्हाईट चांदी सा चमकता हुआ अपने ईष्ट आराध्य के दर्शन किये जा सकते हैं।*

गायत्री मन्त्र – *ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्*

चन्द्र गायत्री मन्त्र – *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृततत्वाय धीमहि। तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्*

महामृत्युंजय मन्त्र- *ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।*

*शरद पूर्णिमा का महत्त्व श्रद्धेय डॉक्टर साहब के श्रीमुख से स्वयं सुने-यूट्यूब की इस लिंक पर-*
https://youtu.be/HMX4spaTCms

*पूर्णिमा के चन्द्रमा का ध्यान और इसका महत्व श्रद्धेय डॉक्टर साहब के श्रीमुख से स्वयं सुने और चन्द्रमा का ध्यान करें-यूट्यूब की इस लिंक पर-*
https://youtu.be/umAfVbaGWhw

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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