लोहड़ी उत्सव की शुभकामनाएं – वीर पंजाबी नायक, युगनिर्मानी दुल्ला भट्टी और लोहड़ी की कहानी

लोहड़ी उत्सव की शुभकामनाएं 

वीर पंजाबी नायक, युगनिर्मानी दुल्ला भट्टी जिसने मुगलों से विद्रोह कर कुँवारी लड़कियों को दासत्व से मुक्त कर उनका घर बसाया, लोहड़ी के पर्व में हम उसे याद कर वैसा ही अपने समाज में बुराईयों के नाश के लिए संकल्पित हों, युगनिर्माणि समाजसेवक युवाओं का आवाहन दिया(Divine India Youth Association) करता है, जो समाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व निर्भीक साहसी दुल्ला भट्टी सा निबाहें। 24 गायत्री मन्त्र और 5 महामृत्यंजय मन्त्र के साथ लोहड़ी की अग्नि में रेवड़ी, मूंगफली, लावा का हवन करें और सामूहिक यज्ञ प्रसाद लें।

 लोहड़ी की सभी गानों को दुल्ला भट्टी से ही जुड़ा तथा यह भी कह सकते हैं की लोहड़ी के गानों का केंद्र बिंदु दुल्ला भट्टी को ही बनाया जाता हैं।

दुल्ला भट्टी मुग़ल शासक अकबर के समय में पंजाब में रहता था। उसे पंजाब के नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था! उस समय संदल बार के जगह पर लड़कियों को गुलामी के लिए बल पूर्वक अमीर लोगों को बेच जाता था जिसे दुल्ला भट्टी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न की मुक्त ही करवाया बल्कि उनकी शादी की हिन्दू लडको से करवाई और उनके शादी के सभी व्यवस्था भी करवाई।

दुल्ला भट्टी एक विद्रोही था और जिसकी वंशवली भट्टी राजपूत थे। उसके पूर्वज पिंडी भट्टियों के शासक थे जो की संदल बार में था अब संदल बार पकिस्तान में स्थित हैं। वह सभी पंजाबियों का नायक था।

गायत्री मन्त्र - ॐ भूर्भूवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्

महामृत्युंज मन्त्र- ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्*

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