बलिवैश्व यज्ञ महात्म्य

बलिवैश्व यज्ञ महात्म्य

अणु-परमाणु बम होता है छोटा,
लेकिन उसका धमाका होता है बहुत बड़ा,
बलिवैश्व यज्ञ दीखता है छोटा,
लेकिन इसका प्रभाव पड़ता है बहुत बड़ा।

पञ्च महाभूतों को,
पञ्च महायज्ञों से,
तुष्ट करने की,
यह सरल प्रक्रिया है।

पञ्च प्रेरणाओं से,
जनमानस को जोड़ने की,
उनमें सुसंस्कार गढ़ने की,
यह दिव्य प्रक्रिया है।

ब्रह्म ज्ञान पाने की,
आत्मज्ञान पाने की,
नित्य मंत्रजप-ध्यान-स्वाध्याय की,
ब्रह्म यज्ञ से मिलती प्रेरणा है।

पशुवत मनःस्थिति से,
देवतुल्य मनःस्थिति तक पहुंचने की,
मानव से देवमानव बनने की,
देवयज्ञ से मिलती प्रेरणा है।

युग पतन पीड़ा निवारण की,
पतन पराभव मिटाने की,
पिछड़ों को आगे बढ़ाने की,
ऋषि यज्ञ से मिलती प्रेरणा है।

मानवीय गरिमा में रहने की,
सुव्यवस्थिता बढ़ाने की,
नर से नारायण के उत्पादन की,
नर यज्ञ से मिलती प्रेरणा है।

प्राणिमात्र के उद्धार की,
वृक्ष-वनस्पतियों के विकास की,
और आत्मीयता विस्तार की,
भूत यज्ञ से मिलती प्रेरणा है।

पञ्च आहुतियों के साथ,
ये पञ्च प्रेरणाओं को,
मानव व्यवहार में उतारने की,
बलिवैश्व यज्ञ से मिलती दिव्य प्रेरणा है।

नोट :- बलिवैश्व यज्ञ गृहणी के हाथ में दिया संस्कारों के सम्वर्द्धन का रिमोट कण्ट्रोल है, जैसा चाहे अन्न में संस्कार मिला के परिवार को सुंस्कारित और दिव्य बना दे। सुसंस्कारित अन्न से सुसंस्कारित मन परिवार का बना दे, उनमें अच्छे संस्कार गढ़ दे। बलिवैश्व यज्ञ में पञ्च अन्न की आहुतियों के बाद उसी बलिवैश्व पात्र में गाय के घी, शांतिकुंज निर्मित हवन सामग्री, गुड़, साबुत चावल और काला तिल मिलाकर बनाए गए हविष्य से गायत्री मन्त्र और महामृत्युंजय मन्त्र की क्रमशः आहुति दी जा सकती है और घर के वातावरण को दिव्य और रोगाणुमुक्त भी बनाया जा सकता है।

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन

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