प्रश्न – किशोर वय के बच्चों को गीता का कौन सा अध्याय अध्ययन हेतु श्रेष्ठ है। अथवा कौन सा अध्याय पहले पढ़ना चाहिए?

उत्तर – आत्मीय भाई, किशोरावस्था के बच्चों को गीता के समस्त 18 अध्याय पढ़ने चाहिए। यह लाइफ मैनेजमेंट पुस्तक है। इसे एक पाठ रोज़ पढ़ना चाहिए। जब कम्प्लीट हो जाये तो पुनः प्रथम से प्रारम्भ करना चाहिए। या 5 से 10 श्लोक और उनका भावार्थ पढ़ना चाहिए।

गीता के स्वाध्याय के साथ कम से कम एक गायत्री मंत्र की माला का जप अत्यंत अवश्यक है और कम से कम 15 मिनट उगते हुए सूर्य का ध्यान और प्राणायाम।

श्रद्धेय द्वारा दिया गीता का लेक्चर युवा यूट्यूब में सुन सकते हैं।

छोटे छोटे कदम नित्य चलने पर मनुष्य मंजिल तक पहुंच जाता है। बूंद बूंद से गागर भर जाता है। यह ज्ञानामृत युवा नित्य ग्रहण करेगा तो जीवन में हमेशा सफल रहेगा।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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