नुक्कड़ नाटक – सोशल मीडिया

नुक्कड़ नाटक – सोशल मीडिया*
(4 विद्यार्थी और एक  अध्यापक)
———————-

अध्यापक – बच्चों सोशल मीडिया के बारे में कुछ बताओ..

रवि – सोशल मीडिया एक अपरंपरागत मीडिया (nontraditional media) है। यह एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है जिसे इंटरनेट के माध्यम से पहुंच बना सकते हैं। सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सारे संसार को जोड़े रखता है। यह संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह द्रुत गति से सूचनाओं के आदान-प्रदान करने, जिसमें हर क्षेत्र की खबरें होती हैं, को समाहित किए होता है।

मोहन – सोशल मीडिया (Social Media) सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कई विकासात्मक कार्य हुए हैं जिनसे कि लोकतंत्र को समृद्ध बनाने का काम हुआ है जिससे किसी भी देश की एकता, अखंडता, पंथनिरपेक्षता, समाजवादी गुणों में अभिवृद्धि हुई है।

हम ऐसे कई उदाहरण देखते हैं, जो कि उपरोक्त बातों को पुष्ट करते हैं जिनमें ‘INDIA AGAINST CORRUPTION’ को देख सकते हैं, जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ महाअभियान था जिसे सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लड़ा गया जिसके कारण विशाल जनसमूह अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़ा और उसे प्रभावशाली बनाया।

2014 के आम चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने जमकर सोशल मीडिया का उपयोग कर आमजन को चुनाव के जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

रितिका -लोकप्रियता के प्रसार में सोशल मीडिया एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, जहां व्यक्ति स्वयं को अथवा अपने किसी उत्पाद को ज्यादा लोकप्रिय बना सकता है। आज फिल्मों के ट्रेलर, टीवी प्रोग्राम का प्रसारण भी सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। वीडियो तथा ऑडियो चैट भी सोशल मीडिया के माध्यम से सुगम हो पाई है जिनमें फेसबुक, व्हॉट्सऐप, इंस्टाग्राम कुछ प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं।

स्नेहा – सर ये सब सकारात्मक पहलू के साथ मैं इसके कुछ नकारात्मक पहलू पर भी ध्यान आकृष्ट करना चाहती हूँ।

कुछ लोग इसका गलत उपयोग भी करते हैं। सोशल मीडिया का गलत तरीके से उपयोग कर ऐसे लोग दुर्भावनाएं फैलाकर लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक और नकारात्मक जानकारी साझा की जाती है जिससे कि जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।> > कई बार तो बात इतनी बढ़ जाती है कि सरकार सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल करने पर सख्त हो जाती है और हमने देखा है कि सरकार को जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध तक लगाना पड़ता है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हुए किसान आंदोलन में भी सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि असामाजिक तत्व किसान आंदोलन की आड़ में किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे पाएं।

प्रीति – सर मैं भी कुछ कहना चाहती हूँ-

जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक उसी प्रकार सोशल मीडिया के भी दो पक्ष हैं, जो इस प्रकार हैं-

दैनिक जीवन में सोशल मीडिया का प्रभाव*

यह बहुत तेज गति से होने वाला संचार का माध्यम है

:- यह जानकारी को एक ही जगह इकट्ठा करता है

:- यह सरलता से समाचार प्रदान करता है

:- सभी वर्गों के लिए है, जैसे कि शिक्षित वर्ग हो या अशिक्षित वर्ग

:- यहां किसी प्रकार से कोई भी व्यक्ति किसी भी कंटेंट का मालिक नहीं होता है।

:- फोटो, वीडियो, सूचना, डॉक्यूमेंटस आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है

:- सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव :-

:- यह बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है जिनमें से बहुत सी जानकारी भ्रामक भी होती है।

:- जानकारी को किसी भी प्रकार से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सकता है।

:-किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर वह उकसावे वाली बनाई जा सकती है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता।

:- यहां कंटेंट का कोई मालिक न होने से मूल स्रोत का अभाव होना।

:- प्राइवेसी पूर्णत: भंग हो जाती है।

:- फोटो या वीडियो की एडिटिंग करके भ्रम फैला सकते हैं जिनके व्दारा कभी-कभी दंगे जैसी आशंका भी उत्पन्न हो जाती

:-शोशल मीडिया से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है।

अध्यापक – बच्चों इंटरनेट और सोशल मीडिया अग्नि की तरह है सावधानी से उपयोग किया तो फ़ायदेमंद हैं। इंसान मुफ्त में अपनी बात/समान/ज्ञान का विज्ञापन कर सकता है।

यदि असावधानी बरती तो घर में आग लग सकती है, देश मे दंगे भड़क सकते हैं, इंसान को सुसाइड के लिए प्रेरित कर सकता है।

अतः अध्यापकों, माता-पिता, बड़े भाई बहनों को अपने से छोटे लोगों को शोशल मीडिया के फायदे के साथ खतरों से भी अवगत कराना चाहिए।

मोबाईल में रखी जानकारी सुरक्षित रखें, हिस्ट्री ब्राउज़र की डिलीट करते चलें, किसी को भी सोशल मीडिया में अपनी व्यक्तिगत जानकरी न दें। किसी अनजान व्यक्ति से न मिलें।

 पासवर्ड ताला है जो आपकी साइट्स , ईमेल को सुरक्षित करता है। इसे आसान न रखें जिसे कोई भी तोड़ सके। इसमें कुछ स्पेशल केरेक्टर के साथ बनाएं और किसी अनजान से शेयर न करें।

वर्चुअल दुनियां से बाहर आकर असली दुनियां में अच्छे दोस्त बनाये। किसी के बहकावे में न आएं।

रील औऱ रियल जिंदगी में फ़र्क है, उसी तरह वर्चुअल और असली दुनियां में फर्क है। इसे समझें, सावधान रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *