दी, जॉब का शेड्यूल बड़ा टाइट है, मैं क्या नियम चन्द्रायण में अपनाऊँ

उत्तर – प्रिय भाई, माला कोशिश करो कि 30 कर लो, यदि सम्भव न हो तो कम से कम 12 तो करो ही। जहां चाह वहां राह होती है। शुभ संकल्पों से ही मन को बल मिलता है। जॉब करने वाले तो ऑलरेडी प्रेशर झेलने के आदी होते हैं😂😂😂😂 उनके लिए माला जप का प्रेशर कुछ भी नहीं।

सुबह ऑफिस जल्दी निकलना होता है, तो सुबह कम माला जपो और शाम को आकर जप पूरा कर लो। शनिवार-रविवार ज्यादा माला जपना, जिससे कोई ऑफिस की इमरजेंसी लगे तो जप का टेंशन न हो। स्वाध्याय थोड़ा बहुत सोने से पहले कर लेना। चेतना के शिखर यात्रा की एक घटनाक्रम रोज।

रात का भोजन गैस बनाता है, और वो जोड़ो में जमा होता है। इससे ही जोड़ो और कमर में दर्द भविष्य में हो सकता है। अतः सुबह सूक्ष्म व्यायाम जरूर करें, इससे जोड़ो में जमी गैस निकल जायेगी। शरीर चुस्त दुरुस्त रहेगा। वाक जरूर करें।

सुबह खाली पेट दो ग्लास गुनगुना पानी पियें।

भोजन एक वक़्त 8 ग्रास लें। और एक वक्त रसाहार ले लेवें। दूध दही छाछ और फल का जूस लेते रहें। एक वक्त 8 ग्रास के क्रम को *यति चन्द्रायण* कहते है।

अपशब्द मत बोलना और क्रोध एक माह मत करना, अन्यथा पुण्यफ़ल आपका खर्च हो जाएगा। याद रखिए कि आपकी चेतना शान्तिकुंज में ही है।

सोते वक़्त गोल तकिए पर पैर रख के सोए, और पैर में और नाभि में सरसों का तेल लगा के सोएं। आत्मबोध -तत्त्वबोध के साथ योगनिद्रा लें। पैरों का ध्यान रखेंगे तो सुबह जब जमीन पर पैर मोड़कर जप करेंगे तो ज्यादा देर तक बैठ पाएंगे।

आपकी चेतना शिखर पर पहुंचे, यही शुभकामनाएं है।

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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