कन्या भ्रूण हत्या कारण और निवारण

कॉलेज में फाइनल ईयर की एनुअल पार्टी की तैयारी चल रही थी। कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु कुछ प्ले और कुछ डांस फाइनल करने थे।

लेटेस्ट फिल्मी गाने और प्ले गूगल पर ढूंढे जा रहे थे।

रवि :-जल्दी करो, तुम लोग प्ले और डांस की थीम पहले फाइनल करो फ़िर उसके हिसाब से सर्च करो।

तृप्ति :- हां, सही कहा इस बार कुछ अलग करते हैं।

ईषना :- क्यूँ न हम वर्तमान ज्वलन्त समस्या पर कुछ करें? कन्या भ्रूण हत्या। अरे यार…

मां जन्म देने के लिए सबको चाहिए..
पत्नी घर सम्हालने के लिए सबको चाहिए..
बहू वंश बढ़ाने के लिए सबको चाहिए…
बहन और बुआ राखी बांधने के लिए सबको चाहिए…
लेकिन बेटी किसी को नहीँ चाहिए…
पोती किसी को नहीँ चाहिए….

जब बेटी जन्मेगी ही नहीं…
 तो बहू बेटे के लिए किसी को मिलेगी नहीं….

ऋत्विज: – हम सहमत है, चलो कन्या भ्रूण हत्या पर ही प्ले करते हैं। क्या हुआ रवि तुम्हारी आंखे नम क्यूँ हो गयी?

रवि :- मेरे बड़े भैया और भाभी ने कुछ दिन पहले ही कन्या भ्रूण हत्या की है। उनकी एक बेटी पहले से है, दूसरी बार लड़के की चाहत थी।

(ओह, सब एक साथ बिफ़र पड़े)

ईषना :- रवि तुमने समझाया नहीं?

रवि :- मैंने और मेरी छोटी बहन रश्मि दोनों ने रोकने की कोशिश की  थी, तो घरवाले बोले अभी तुम्हारी बहन कुँवारी है, उसके दहेज़ का ही इंतज़ाम भारी पड़ रहा है। फ़िर एक और तो पहले से ही है। एक और नया बोझ नहीं ले सकता।

(रवि की बहन रश्मि भी बोल पड़ी जो वहीं खड़ी थी)

रश्मि :- अरे यार, हम लड़कियों को क्या जीने का अधिकार नहीं। दहेज़ औऱ ख़र्चीली शादी के कारण लड़कियों को सब बोझ समझते हैं।

ईषना :- हां यह तो हैं ही कन्याभ्रूण हत्या की जड़ है, लेकिन  एक और कन्या भ्रूण हत्या का मुख्य कारण है लड़कियों की सुरक्षा का अतिरिक्त इंतज़ाम।

रवि :- बताओ करें तो क्या करें? कैसे अजन्मी कन्याओं की गर्भ में हत्या रोकें? सरकार के इतने प्रतिबन्ध के बाद भी डॉक्टर मौत के सौदागर बन लिंग जाँच कर रहे हैं। सुपारी कीलर बन गर्भ में ही हत्या कर रहे हैं। जब माता-पिता-डॉक्टर ही हत्यारे हों तो गर्भ में भी लड़की सुरक्षित नहीं।

ईषना :- इस समस्या से निपटने के लिये हम युवाओं को ही कुछ करना होगा। हममें से प्रत्येक लड़की को आत्मनिर्भर बनना होगा और स्वाभिमान के साथ आने वाली जनरेशन के लिए उदाहरण बनना होगा। दहेज लोभी से शादी न करने का संकल्प लेना होगा।

रश्मि :- मैं यह संकल्प लेती हूँ कुछ  बनूँगी और स्वाभिमान के साथ सादगी से बिन दहेज़ विवाह करूंगी।

(सभी ताली बजाते है)

रवि :- हम सभी लड़कों को दहेज न लेने का संकल्प लेना होगा, और लड़कियों को सामाजिक सुरक्षा मिले यह प्रयास करना होगा।

ईषना :- साथ में हम सब को मिलकर दहेज़ प्रथा और ख़र्चीली शादी का विरोध करना होगा। आओ संकल्प लें हम सब सादगी से अपने अपने विवाह बिन दहेज के करेंगे। साथ ही घर परिवार और आसपड़ोस में दहेज़ प्रथा और ख़र्चीली शादी का विरोध करेंगे।

(सब मोमबत्ती को मशाल बनाकर यह संकल्प लेते है )

श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिएशन

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