असली अध्यात्म आज किसे चाहिए? गण्डे ताबीज़ का शॉर्टकट चाहिए।
असली अध्यात्म,
किसी को नहीं चाहिए,
गण्डे ताबीज़ का,
सबको शॉर्टकट चाहिए।
किसी को,
बिन पढ़े पास होने वाला,
ताबीज़ चाहिए,
किसी को,
बिन मेहनत धन देने वाला,
ताबीज़ चाहिए।
असली अध्यात्म और असली सन्त,
आज किसे चाहिए?
सत्य धर्म और कर्मफ़ल का विधान,
आज किसे चाहिए?
ईश्वर वो ईंधन है,
अध्यात्म वो एनर्जी है,
जो किसी भी इंजन को चला सकता है,
लेकिन कहीं पहुंचने के लिए गाड़ी तो चाहिए,
इंजन में तेल के साथ पहिये में हवा भी चाहिए,
ईश्वरीय कृपा के साथ पुरुषार्थ भी चाहिए।
लेकिन असली अध्यात्म,
आज किसे समझना है?
सबको कोकोकोला पीकर कृपा बरसाना है,
पैसे देकर षठ चक्र और कुंडलिनी जगाना है,
लम्बे चौड़े आध्यात्मिक विज्ञापन में उलझना है।
आज असली सन्त के दरबार में,
कुछ लोग दिखाई देते हैं,
नकली सन्तों के कारोबार में,
भीड़ ही भीड़ दिखाई देती है।
क्योंकि असली अध्यात्म,
किसी को नहीं चाहिए,
गण्डे ताबीज़ का,
सबको शॉर्टकट चाहिए।
श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिएशन